02.12.2025
हृदय-प्रतिरोधी शहरी नियोजन
तेज़ी
से और बिना प्लान के शहरीकरण से पब्लिक हेल्थ के खतरे बढ़ रहे हैं, खासकर कार्डियो-वैस्कुलर मॉर्टेलिटी (CVM) । CVM अब शहरी भारत में मौत का मुख्य कारण है, और इसकी दर ग्रामीण इलाकों की तुलना में लगभग दोगुनी है ।
प्रॉब्लम एरिया
• बहुत ज़्यादा पॉल्यूशन: PM2.5 का हाई लेवल दिल की बीमारी, हाइपरटेंशन और स्ट्रोक को बढ़ावा देता है।
• ग्रीन स्पेस की कमी: पेड़ों की कम संख्या गर्मी के स्ट्रेस को बढ़ाती है और कार्डियोवैस्कुलर रिस्क को बढ़ाती है।
• लाइफस्टाइल रिस्क: शहरी माहौल में सुस्त लाइफस्टाइल, क्रोनिक स्ट्रेस और अनहेल्दी खाने की आदतें (जिसमें बार-बार गर्म तेल का इस्तेमाल शामिल है) बढ़ती हैं।
• हेल्थकेयर तक असमान पहुंच: हॉस्पिटल का डिस्ट्रीब्यूशन मार्केट लॉजिक को फॉलो करता है , और उन जगहों पर सुविधाएं देता है जहां खरीदने की पावर और ज़मीन की कीमत ज़्यादा है, न कि उन इलाकों में जहां सर्विस कम है, जिनकी ज़रूरत ज़्यादा है।
हृदय-प्रतिरोधी योजना के लिए समाधान
निष्कर्ष:
हार्ट-रेज़िलिएंट अर्बन प्लानिंग के लिए शहरों को ज़्यादा हेल्दी, ग्रीन और ज़्यादा बराबर माहौल में बदलना ज़रूरी है। अर्बन डिज़ाइन में एक्टिव मोबिलिटी, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, मिक्स्ड-यूज़ लेआउट और आसानी से मिलने वाले हेल्दी इकोसिस्टम को शामिल करके, भारत कार्डियोवैस्कुलर मौत की दर को काफी कम कर सकता है और ऐसे शहर बना सकता है जो लंबे समय तक पब्लिक हेल्थ को सपोर्ट करें।