LATEST NEWS :
Mentorship Program For UPSC and UPPCS separate Batch in English & Hindi . Limited seats available . For more details kindly give us a call on 7388114444 , 7355556256.
asdas
Print Friendly and PDF

भूतापीय ऊर्जा पर राष्ट्रीय नीति 2025

20.09.2025

 

भूतापीय ऊर्जा पर राष्ट्रीय नीति 2025

 

प्रसंग

सितंबर 2025 में, भारत सरकार ने भूतापीय ऊर्जा पर अपनी पहली राष्ट्रीय नीति अधिसूचित की , जो नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में विविधता लाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इस नीति का उद्देश्य अप्रयुक्त भूतापीय संसाधनों का दोहन करना, 2070 के नेट ज़ीरो लक्ष्य का समर्थन करना और हमेशा उपलब्ध, स्वच्छ बेसलोड ऊर्जा स्रोत की शुरुआत करके ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करना है।

नीति के बारे में

  • अन्वेषण एवं विकास : एमएनआरई-नेतृत्व वाली रूपरेखा; 5 पायलट (बाड़मेर तेल क्षेत्र, तवांग हीटिंग, उथले डेमो, शीतलन, सौर-भूतापीय संकर)।
     
  • अनुप्रयोग : बिजली, तापन/शीतलन, खेती, जलीय कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, विलवणीकरण, भंडारण, पर्यटन।
     
  • प्रौद्योगिकी एवं नवाचार : हाइब्रिड मॉडल, कुओं का पुनः उपयोग, ईजीएस/एजीएस प्रणालियां।
     
  • विनियामक एवं राजकोषीय सहायता : वीजीएफ, अनुसंधान एवं विकास प्रोत्साहन, कर छूट, 100% एफडीआई, जीएसटी/शुल्क छूट, कार्बन क्रेडिट; वैश्विक सहयोग (अमेरिका, आइसलैंड, नॉर्वे)।

     

महत्व

  1. ऊर्जा सुरक्षा
  • यह स्थिर, वर्ष भर चलने वाली बेसलोड बिजली उपलब्ध कराता है , जो परिवर्तनशील सौर और पवन ऊर्जा का पूरक है।
  • आयातित हाइड्रोकार्बन पर निर्भरता कम होती है, तथा अर्थव्यवस्था को मूल्य झटकों से बचाया जाता है।
     
  1. ग्रामीण एवं औद्योगिक लाभ
  • भूतापीय तापन/शीतलन कृषि, जलीय कृषि, शीत भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण में सहायक होता है।
  • ग्रामीण आजीविका को समर्थन देता है और जलवायु लचीलापन बढ़ाता है
     

 

भू-राजनीतिक और तकनीकी निहितार्थ

  • भारत को अग्रणी भूतापीय राष्ट्रों में स्थान दिलाया, ऊर्जा संप्रभुता को आगे बढ़ाया
  • एसडीजी 7 (स्वच्छ ऊर्जा) और एसडीजी 13 (जलवायु कार्रवाई) के साथ संरेखित ।
  • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कौशल विकास और अनुसंधान एवं विकास साझेदारी को बढ़ावा देता है।
  • राज्य ऊर्जा बोर्ड, तेल कंपनियां और वैश्विक एजेंसियां घरेलू पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगी।
     

 

चुनौतियां

  • भूतापीय क्षमता में सीमित घरेलू विशेषज्ञता और डेटा अंतराल
  • उच्च प्रारंभिक अन्वेषण और ड्रिलिंग लागत.
  • पर्यावरणीय जोखिम (सूक्ष्म भूकंपीयता, जल उपयोग, भूमि अवतलन)।
  • कुशल जनशक्ति और अनुकूली विनियमन की आवश्यकता।
     

 

आगे बढ़ने का रास्ता

  • मापनीयता और व्यवहार्यता के लिए पायलट परियोजनाओं की निरंतर निगरानी ।
  • मजबूत डेटा भंडार और ज्ञान-साझाकरण नेटवर्क स्थापित करें।
  • मानव संसाधनों को प्रशिक्षित करना और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को एकीकृत करना
  • अंतर-मंत्रालयी और केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करना।
  • निवेश आकर्षित करने के लिए उत्तरदायी राजकोषीय और विनियामक सहायता।
     

निष्कर्ष

भूतापीय ऊर्जा पर राष्ट्रीय नीति 2025 एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर है, जो स्वच्छ आधारभूत ऊर्जा को भारत की मुख्यधारा की ऊर्जा योजना में एकीकृत करती है। नवाचार, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ग्रामीण विकास के अवसरों को मिलाकर, यह नीति ऊर्जा लचीलापन, ग्रामीण समृद्धि और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को भी सुदृढ़ करेगी।

Get a Callback